PURAAN
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आज तड़के पता नहीं क्यों छोटे बेटे पुराण ने ज़िद पकड़ ली कि उसे ब्रेकफास्ट में वेनिला पुडिंग ही चाहिए। भला हो ब्लू बर्ड रेडिमिक्स इंस्टंट प...
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एकोऽहम्: स्सालों ने ठग लिया
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जीवन की आपाधापी के बीच अगर कुछ पल प्रकृति के बीच बिताने को मिल जाएं तो ऐसा लगता है जैसे जन्नत मिल गई हो। और यदि मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के...
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आज फिर मन कर रहा है बूंदों के साथ नाचें, आज फिर मन कर रहा है दूर तक पैदल चला जाए, आज फिर मन कर रहा है रोते हुए बच्चे को बहलाया जाए, आज ...
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जैसे कल ही की बात हो। अकसर हम दोनों आपस में लड़ते-झगड़ते और फिर थोड़ी देर बाद एक हो जाते जैसे कभी कोई विवाद हुआ ही न हो। रोजाना 10-12 घंटे ...
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वह पहला बर्थडे था तुम्हारा जब मैं नहीं आ सका जब तुम पहली बार हाईकोर्ट गए अपना पहला बड़ा केस लड़ने मैं नहीं आ सका जब तुमने अपना पहला बड़ा...
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Welcome To Super City Delhi- A Secret Letter From The Delhi CM To The CWG Guests
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Welcome To Super City Delhi- A Secret Letter From The Delhi CM To The CWG Guests
बुधवार, 17 नवंबर 2010
मंगलवार, 28 सितंबर 2010
गुरुवार, 9 सितंबर 2010
प्रकृति की गोद में...
जीवन की आपाधापी के बीच अगर कुछ पल प्रकृति के बीच बिताने को मिल जाएं तो ऐसा लगता है जैसे जन्नत मिल गई हो। और यदि मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के गरोठ-भानपुरा क्षेत्र में पहुंच जाएं तो इस जन्नत के भरपूर दीदार किए जा सकते हैं। नौकरी के दरमियान पिछले दिनों झरना क्या मिला जैसे जीवन मिल गया। भानपुरा शहर के दूसरे छोर पर स्थित बड़ा महादेव की पहाड़ी से निकलता झरना पुरसुकून देता है। और जब आप इसके नज़दीक जाते हैं तो फिर वापस बचपन को हासिल कर लेते हैं। कुछ ऐसा ही मेरे साथ भी हुआ।
बुधवार, 8 सितंबर 2010
...आज जब तुम पास नहीं हो
आज फिर मन कर रहा है बूंदों के साथ नाचें,
आज फिर मन कर रहा है दूर तक पैदल चला जाए,
आज फिर मन कर रहा है रोते हुए बच्चे को बहलाया जाए,
आज फिर मन कर रहा है कहीं दूर हो आया जाए,
आज फिर मन कर रहा है तुमसे खूब दिल्लगी की जाए,
...आज जब तुम पास नहीं हो,
खूब मन कर रहा है तुम्हारे पास होने को...
लियो के लिए...
आज तड़के पता नहीं क्यों छोटे बेटे पुराण ने ज़िद पकड़ ली कि उसे ब्रेकफास्ट में वेनिला पुडिंग ही चाहिए। भला हो ब्लू बर्ड रेडिमिक्स इंस्टंट पुडिंग का जिसके कारण एक घंटे में पुडिंग बना पाया। अब जबकि पुराण पुडिंग खा रहा है मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैंने सालों पहले पापा से जो आसमान के तारे मांगे थे वे पापा ने मेरी मुट्ठी में ...रख दिए हों, यह कहते हुए कि मुट्ठी खोली तो तारे वापस आसमान में टंग जाएंगे...
मंगलवार, 27 जुलाई 2010
हो सके तो माफ कर देना
वह पहला बर्थडे था तुम्हारा जब मैं नहीं आ सका
जब तुम पहली बार हाईकोर्ट गए
अपना पहला बड़ा केस लड़ने
मैं नहीं आ सका
जब तुमने अपना पहला बड़ा केस जीता
खुशियों में मैं शामिल नहीं हो सका
जब तुम्हारी शादी हुई
और तुम फेरों तक तकते रहे मेरी राह
तब भी मैं नहीं आ सका
जब तुम्हारे छोटे भाई निलेश की शादी हुई कसरावद से
और मैं इंदौर आई बरात में भी शामिल न हो सका
जब तुम्हारे यहां पहली संतान प्यारी बिटिया हुई
तब भी मैं इस खुशी में शरीक नहीं हो सका
मैं हर बार आना चाहता था
क्योंकि ये तमाम अवसर मेरे लिए भी उतने ही
महत्वपूर्ण थे जितने कि तुम्हारे लिए
मैं आज भी आना चाहता हूं तुम्हारे पास
पर अब जबकि मैं अपराधबोध से भरा हूं
और जानता हूं कि मेरे ये कृत्य
माफी के लायक नहीं हैं
फिर भी हो सके तो मुझे माफ कर देना बृजेश....
जब तुम पहली बार हाईकोर्ट गए
अपना पहला बड़ा केस लड़ने
मैं नहीं आ सका
जब तुमने अपना पहला बड़ा केस जीता
खुशियों में मैं शामिल नहीं हो सका
जब तुम्हारी शादी हुई
और तुम फेरों तक तकते रहे मेरी राह
तब भी मैं नहीं आ सका
जब तुम्हारे छोटे भाई निलेश की शादी हुई कसरावद से
और मैं इंदौर आई बरात में भी शामिल न हो सका
जब तुम्हारे यहां पहली संतान प्यारी बिटिया हुई
तब भी मैं इस खुशी में शरीक नहीं हो सका
मैं हर बार आना चाहता था
क्योंकि ये तमाम अवसर मेरे लिए भी उतने ही
महत्वपूर्ण थे जितने कि तुम्हारे लिए
मैं आज भी आना चाहता हूं तुम्हारे पास
पर अब जबकि मैं अपराधबोध से भरा हूं
और जानता हूं कि मेरे ये कृत्य
माफी के लायक नहीं हैं
फिर भी हो सके तो मुझे माफ कर देना बृजेश....
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